खरीफ 2024 के मुकाबले पिछले तीन वर्षों की बिजाई आकड़े व समीक्षा

16-Jul-2024 09:55 AM

खरीफ 2024 के मुकाबले पिछले तीन वर्षों की बिजाई आकड़े व समीक्षा

(लाख हेक्टेयर में)

सोयाबीन

15/07/21-90.32

15/07/22-99.35

15/07/23-82.44

15/07/24-108.1

★ मानसून समय पर आने के कारण कर्नाटक, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में बिजाई रफ़्तार गत वर्ष से अधिक।

★ बिजाई गत वर्ष से 25 लाख हेक्टेयर से उछलकर 108 लाख हेक्टेयर के पार पहुंची, यह बिजाई 2021 व 2022 से भी अधिक।

★ मानसून समय पर आने से बिजाई बढ़कर आना स्वाभाविक था।

★ सीजन भर सोया के भाव घटने के कारण मध्य प्रदेश में बिजाई घटने की उम्मीद परन्तु महाराष्ट्र में सामान्य व सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है।

★ कुल मिलाकर बिजाई गत वर्ष से मामूली अधिक रहने की प्रबल सम्भावना।

★ जब तक तेल-तिलहन के आयात शुल्क में बदलाव नहीं किया जाता तब तक तेल-तिलहन बाजार में तेजी के संयोग कम।

★ विदेशों से बड़ी मात्रा में हो रहा है तेलों का आयात।

★ घरेलू तेल मिलें बंद होने की कगार पर क्रशिंग डिमांड बेहद कमजोर।

★ खाद्य तेलों का बड़ी मात्रा में आयात होने से कीमतों पर बना दबाव, त्यौहारी मांग निकलने पर थोड़ी बहुत तेजी की उम्मीद की जा सकती है परन्तु लम्बी तेजी में न बैठें।

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Sowing figures and review of last three years in comparison to Kharif 2024

(in lakh hectares)

Soybean

15/07/21-90.32

15/07/22-99.35

15/07/23-82.44

15/07/24-108.1

★ Due to timely arrival of monsoon, sowing speed in Karnataka, Maharashtra and Madhya Pradesh is more than last year.

★ Sowing jumped from 25 lakh hectares last year to cross 108 lakh hectares, this sowing is also more than 2021 and 2022.

★ Due to timely arrival of monsoon, it was natural for sowing to increase.

★ Due to the fall in the price of soy throughout the season, sowing is expected to decrease in Madhya Pradesh, but it is expected to be normal and above normal in Maharashtra.

★ Overall, there is a strong possibility of sowing being slightly higher than last year.

★ Unless there is a change in the import duty of oilseeds, there is little chance of a boom in the oilseeds market.

★ Oil is being imported in large quantities from abroad.

★ Domestic oil mills are on the verge of closure, crushing demand is very weak.

★ Pressure on prices due to import of edible oils in large quantities, a little boom can be expected when the festive demand is out but do not sit in a long bullish trend.